
कोटा नाका एवम रिंहाय कंट्रोल पर 6 माह बाद भी राशन वितरण नही
दोनों ही दुकानों पर मामला दर्ज हुआ , मगर फिर भी राशन वितरण आज तक नही
कोलारस -छह माह से राशन वितरण में गड़बड़ी करने बाले कंट्रोल संचालकों पर कोरोना संकट के दौरान दोषी पाए जाने को लेकर जिला कलेक्टर के आदेश पर कोटा नाका एवं रिंहाय ग्राम पंचायत के सेल्समैन एवं सहकारी संस्था पर एफ आई आर दर्ज की गई थी जिसमें करीब 5 लोगों को आरोपी बनाया गया था मगर एक माह बाद भी आज तक कोई भी कार्यवाही टेबल पर पड़ी फ़ाइल की तरह धूल खा रही है ,तथा अभी तक रसद माफियाओं पर कोई भी कानूनी खौफ दिखाई नही दे रहा है ,जबकि 6 माह से ग्रामीण राशन वितरण का इंतजार कर रहे हैं अब सवाल यह उठता है की प्रशासनिक कार्रवाई में देरी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों को राशन वितरण में देरी क्यों की जा रही है जिन संस्थानों ने गरीबों का पूरा राशन डकार लिया वह तो खुलेआम घूम रहे हैं जबकि जिन लोगों को राशन मिलना था ऐसे भीषण बाढ़ संकट में अपने बच्चों को भोजन का निवाला देना था उनको आज तक राशन नहीं दिया जा रहा है इसका जिम्मेदार कौन है जानकार बताते हैं कि पीडीएस में इस तरह के घोटाले आम हो चले हैं जहां पर 6 माह का राशन वितरण के बाद सेल्समैन को बदल दिया जाता है मगर पहली बार हुआ है की बांटने वाली संस्था तथा सेल्समैन पर f.i.r. हुई है मगर फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है देखते हैं प्रशासनिक हीला हवाली का खामियाजा गरीब जनता कहां तक भोगती है तथा सरकार के सुशासन के दावे कितने अमलीजामा पहन पाते हैं आने वाला समय बताएगा

