
नगर पंचायत की लापरवाही से आवास योजना के लाभार्थी दो साल से इंतजार में, गरीबों के सपनों पर पानी!
दो वर्ष से लगातार दर दर भटक रहे हैं हितग्राही
रन्नौद : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को घर देने का जो वादा सरकार ने किया था, वह रन्नौद नगर पंचायत की लापरवाही की भेंट चढ़ता दिख रहा है। दो साल पहले पहली किस्त देने के बाद नगर पंचायत ने जैसे इन गरीबों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। 70 से अधिक लाभार्थी, जो अपनी गाढ़ी मेहनत और उम्मीदों के सहारे अधूरे घरों में रह रहे हैं, आज भी दूसरी किस्त के इंतजार में नगर पंचायत के दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
क्या नगर पंचायत की नींद कब टूटेगी?
2019-20 में जारी आवास योजना के तहत वार्ड क्रमांक 13 के मोहन सिंह, पप्पू गुर्जर, राजप्रसाद, मुन्ना कुशवाह, विजय, अजय आदिवासी सहित कई लोगों को पहली किस्त दी गई थी। इन लोगों ने जैसे-तैसे अपनी बचत से घरों का निर्माण शुरू किया, लेकिन दूसरी किस्त की रकम अटक जाने के कारण मकान अधूरे रह गए। बार-बार अफसरों के दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही। गरीबों की मजबूरी का मजाक बनाकर नगर पंचायत कागजी कार्यवाही में उलझाकर जनता की उम्मीदों को रौंद रही है।
गरीबों की बेबसी पर ठहाके लगा रहे अधिकारी
लाभार्थियों का कहना है कि वे कई बार नगर पंचायत और संबंधित अधिकारियों के दरवाजे पर जाकर गिड़गिड़ा चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें झूठे आश्वासन देकर भगा दिया जाता है। ऐसा लगता है मानो प्रशासन ने जानबूझकर इन गरीबों को ठगने की योजना बना रखी हो। जिन लोगों ने अपना घर बनाने का सपना देखा था, वे अब आधे-अधूरे घरों में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं।
क्या गरीबों को उनका हक मिलेगा या यह योजना भी घोटालों की भेंट चढ़ जाएगी?
प्रधानमंत्री आवास योजना हर गरीब के सिर पर छत देने का वादा करती है, लेकिन शिवपुरी जिले के रन्नौद में यह योजना भ्रष्टाचार और लापरवाही की शिकार बन गई है। दो साल तक गरीबों को टालमटोल और बहानों के सहारे लटकाने वाली नगर पंचायत आखिर कब जागेगी?
क्या सरकार इस अन्याय को देखेगी या फिर यह योजना भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगी?
अब देखना होगा कि प्रशासन इन गरीब परिवारों को उनका हक दिलाने के लिए कब तक ठोस कदम उठाता है, या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। अगर जल्द ही दूसरी किस्त जारी नहीं की गई, तो नगर पंचायत के खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन की चिंगारी भड़क सकती है!




