
कलंक @ लुकवासा- एक गांव ऐसा – जहां जुआ और सट्टा ही मुख्य व्यवसाय है ??
माफियाओं के शहर में पुलिस भी डरती है कार्यवाही से
कान्हा परिहार
लुकवासा– शिवपुरी पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल जिले में सट्टे एवं जुआ के विरुद्ध जंग छेड़े हुए हैं ,मगर कोलारस थाना अंतर्गत ग्राम लुकवासा में आज भी सट्टे और जुआ के फड़ बदस्तूर जारी हैं ,जहां पर प्रतिदिन लाखों रु का सट्टा तथा करोड़ो रु का जुआ संचालित होता है , शायद ही ऐसी कोई दुकान हो जहां पर सट्टा का कारोबार नही चलता हो , और हां जिस दुकान पर सट्टा नही चलता उस जगह जुआ का फड़ अवश्य चलता दिखाई देगा , यही पहचान है लुकवासा की जहां पर मुख्य बाजार की हर दूसरी दुकान हो या पुरानी वस्ती , खेल मैदान हो या खजुरन का एरिया , हाइ वे के ढाबा हो , या भूसा कारोबारियों के धर्मकांटे हर जगह सिर्फ और सिर्फ सट्टा और जुआ ही खेलते ग्रामीण दिखाई देते हैं इसलिए लुकवासा का मुख्य व्यवसाय जुआ और सट्टा है तो कहना गलत न होगा ★
पुलिस भी डरती है कार्यवाही को अंजाम देने से – माफियाओं के शहर लुकवासा में इतिहास गवाह है कि यहां पुलिस की कोई मदद नही करता , बल्कि अपराध को उजागर करने बाला अपराधी ही माना जाता है इस गांव की विशेषता है कि अपराधी यहां बेखौफ घूमते हैं जबकि पुलिस को इस गांव में घुसने की अनुमति नही हैं तथा आपको बताते चले कि इस गांव में एक पुलिस चौकी भी है मगर सिर्फ दिखावटी , या यूं कहें कि कागजी , लेकिन ये सभी जरूरी जानकारी आपको इसलिए दे रहे हैं ताकि आप सभी इस खतरनाक शहर के बारे में सर्च कर सकें
सत्ताधारी और सट्टा धारी का गठजोड़ है हावी – पुलिस की कार्यवाही अगर किसी दिन जुआ और सट्टे पर देखने को मिलती भी है तो सत्ता धारी तुरंत अपने अपने समर्थकों को छुड़ाने की जुगत में लग जाते हैं , फिर भी पुलिस नही मानती तो ट्रांसफर , सस्पेंड , लाइन अटैच , लोकायुक्त की कार्यवाही , बगैरहबग़ैरह की धमकियां सुननी पड़ती है , इस लिए बेचारे पुलिस कर्मी अपनी जान बचाने में ही भलाई समझते हुए मामले में पल्ला झाड़ लेते हैं ,
जिस सट्टेबाज को पकड़ते हैं वही शिकायत करता है ताकि कि नेताजी का जलबा कायम रह सके – आप सोच रहे होंगे कि जब पुलिस गांव भी घुस नही पाती तो फिर कार्यवाही कौन करता है , तो जनाब उसका जबाब ये है कि स्थानीय पुलिस को कितनी अड़चनों का सामना करना पड़ता है एक कार्यवाही पर उन सभी बातों को आपके सामने रखने की कोशिश है ,
यहां इतनी बिकट स्तिथि है कि जिस जुआ के फड़ पर या सट्टेबाजों पर पुलिसिया डंडा चलता है उसके अगले ही दिन वह सटोरिया अपने नेताजी के सानिध्य में बरिष्ठ अधिकारियों के पास लंबी चौड़ी शिकायत लेकर पहुंच जाता है कि मेरे अलाबा ये लोग भी सट्टा या जुआ चलबाते हैं , बस हो गया खेल शुरू , उसके बाद वही शिकायतकर्ता सटोरिया खुले में पर्ची कटाते हैं और बर्दी बेबस हो जाती है
क्यों कि खुले में सट्टा की दुकान चलेगी तभी नेताजी का जलबा कायम रहेगा , बरना कौन मानेगा की नेताजी सत्ता धारी है
ऐसा गठजोड़ है सत्ताधारी और सट्टा धारी का 😢😢
ऐसा नही है कि पुलिस कार्यवाही से डरती है मैने जबसे चौकी का प्रभार संभाला है तबसे तीन चार सट्टेबाजों पर तथा कई बार जुए के फड़ पर कार्यवाही की गई है , चाहे कोई भी हो अपराध के मामले में संलिप्ता बर्दास्त नही की जाएगी तथा छोटे हो या बड़े मामले हर अपराध पर कार्यवाही निश्चित है – योगेंद्र सिंह सेंगर (चौकी प्रभारी लुकवासा)


