
लुकवासा-मकर संक्रांति के अवसर पर बचपन में आपने ज्वार के फुलके जरूर खाए होंगे जब घर में मम्मी खेतों से पापा द्वारा लाए हुए ज्वार को चूल्हे पर चढ़ाकर फुलके बनाती थी तथा गुड़ मिलाकर के खाने में जो स्वाद आता था वह आज भी बचपन की यादें ताजा कर देता है ,जब मकर सक्रांति आती है लेकिन जैसे-जैसे बाजार में महंगाई की मार पड़ी है तब किसानों ने ज्वार की फसल को पैदा करना बंद कर दिया जिसके चलते अब बचपन की यादें जो मकर सक्रांति पर फुलके खाकर ताजा हो जाया करती थी वह घरों में दिखाई नहीं देते यही कारण है कि लोग अब बाजार से रेडीमेड फुलके लेकर पुरानी यादें ताजा करने लगे हैं, 2023 में मकर सक्रांति के अवसर पर बाजारों में अनेक दुकानों पर ज्वार के रेडीमेड फुलके आपको दिखाई दे ,स्वादिस्ट होने के चलते मांग भीबबहुत ज्यादा संख्या में रहती है ,इस कारण से अनेक दुकानदार रेडीमेड फुलको का व्यापार करते हैं ,जो बाहर से विभिन्न स्थानों से मंगाई जाती है तथा छोटे छोटे बाजारों में गांव-गांव घूम कर के फुल्के बेचे जा रहे हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार लुकवासा ,बदरवास, कोलारस, खतौरा, रन्नौद, तेंदुआ ,सभी जगह इन फुलको की डिमांड बहुतायत की संख्या में है जो कि ₹30 किलो आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं क्योंकि यह खाने में स्वादिष्ट तथा सर्दियों के सीजन के हिसाब से लाभदायक भी हैं जो बच्चों को बहुत भाते हैं तथा मकर सक्रांति का भरपूर आनंद घर में बनी मिठाइयों के साथ लेते समय थाली की शोभा में चार चांद लगाते हैं


