
“पूर्व अध्यक्ष की राजनीति का ‘टाइटैनिक’ मोमेंट: दबंगई के जहाज में अब सिर्फ खाली कुर्सियाँ!
कोलारस में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष की राजनीति आजकल डूबते जहाज की तरह नजर आ रही है। जिस तरह से केंद्रीय मंत्री और सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने कार्यक्रम में उन्हें अलग-थलग छोड़ दिया, उससे साफ हो गया है कि उनके सितारे अब गर्दिश में हैं। वर्षों से अपने प्रभाव का डंका बजाने वाले पूर्व अध्यक्ष, जिनकी दबंगई के किस्से दूर-दूर तक सुनाई देते थे, आज खाली कुर्सियों के बीच बैठे अपनी ही छाया से लड़ते दिखाई दिए।
सिंधिया जी का कार्यक्रम, जिसे स्थानीय राजनीति का महाकुंभ माना जा रहा था, वहां पूर्व अध्यक्ष का कोई प्रभाव नहीं दिखा। गंदगी, विकास कार्यों की देरी, अपने चहेतों को फायदा दिलाने के आरोप और गरीबों के हक पर डाका मारने की कहानी अब उनकी राजनीति को एक टाइटैनिक की तरह डूबते जहाज में बदल रही है।
जब अपने क्षेत्र की नगर पालिका अध्यक्ष होने के बावजूद पूर्व अध्यक्ष मंच पर नजर नहीं आए और सिंधिया जी ने उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया, तो लोगों के बीच ये चर्चा शुरू हो गई कि अब उनका राजनीतिक सूरज डूब चुका है। पहले जो लोगों के बीच अपनी दबंगई से हुकूमत करते थे, अब उन्हीं के कार्यक्रम में खाली कुर्सियों की गिनती कर रहे हैं।
शहर की गलियों में बहस का एक नया मुद्दा यह बन गया है कि जो व्यक्ति नगर पालिका के हर फैसले में बेवजह टांग अड़ाता था, अब उसी की कुर्सी पर बैठने वाले लोगों ने उसकी आवाज़ को अनसुना कर दिया है। ऐसा लग रहा है जैसे इस डूबते जहाज से कूदने का वक्त आ चुका है, क्योंकि सत्ताधारी नाव अब किसी और दिशा में बह रही है।


