
लुकवासा स्टेट बैंक के पास खुली लूट की दुकानें,
बिना अनुमति भोले भाले ग्रामीणों को लगा रहे चूना
कान्हा परिहार लुकवासा– जब से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की गरीब जनता के लिए जनधन खाता खोलने का ऐलान किया था तभी से किओस्क बैंक संचालकों की बल्ले बल्ले होना शुरू हो गई थी मगर अब जबसे जनधन खातों में गरीब हितग्राहियों के खातों के माध्यम से सरकार सारा पैसा पहुंचाने का प्रयास कर रही है उस समय वही किओस्क बैंक संचालक गरीब हितग्राहियों को लूटने में जुट गए हैं इसकी बानगी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा लुकवासा के आसपास के सभी दुकाने पर देखने को मिलती है जहां पर अनेक दुकानें ऐसी खोल दी गई हैं जिनके पास ना तो कोई अधिकृत लाइसेंस है तथा नाही कोई मान्यता मगर वह गरीब भोले-भाले ग्रामीणों के खातों से आधार नंबर डालकर लाखों रुपए उड़ाने का काम बेखौफ तरीके से किए जा रहे हैं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिदिन का आधार कार्ड से निकासी का कारोबार 10 लाख के आसपास का होता है अगर उसका 10 परसेंट भी हम जोड़ें ₹100000 प्रतिदिन यस बैंक संचालक कमाते हैं अगर हम इसका सीधा-सीधा अर्थ लगाएं तो सभी दुकानदार आधार कार्ड से पैसे निकालने के बदले में ₹1000 पर ₹10 अतिरिक्त लेते हैं तथा अगर उनके खाते में बड़ी राशि है तो उसको चुटकी बजाते ही पार कर देते हैं तथा भोले-भाले हितग्राही को कह दिया जाता है कि अभी सरवर नहीं आ रहे हैं इस तरह यह फर्जी कियोस्क संचालक रातों-रात लखपति बनते जा रहे हैं तथा बोले वाले गरीब गरीब ही रह जाते हैं अचंभे की बात यह है कि प्रशासन की ओर से इन फर्जी क्यों संचालकों पर अभी तक कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है जबकि लुकवासा पुलिस चौकी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से महज 200 मीटर की दूरी पर है

