
किसान आंदोलन से उपजी अन्नदाता की चिंता सही साबित
कांट्रेक्ट फार्मिंग से मटर की फसल में ठगे गए किसान
कान्हा परिहार– दिल्ली को जाम कर देश विदेश में सुर्खियां बटोरने बाले किसान आंदोलन के दौरान देश के किसान नेताओ ने सरकार से कांट्रेक्ट फार्मिंग को लेकर तमाम शंकाएं जाहिर की थी ,जिसमें प्रमुख रूप से फसल की कीमत में गिरावट आती है तो क्या व्यापारी उस समय निर्धारित मूल्य पर किसान की फसल खरीदेगा या नही इसको स्पष्ट करने के पीछे किसान और सरकार में तनातनी बनी रही , अंततः सरकार नया कृषि बिल वापस लेना पड़ा
जिसके बाद किसानों ने जीत की खुशियां भी मनाई थी ,
लुकवासा क्षेत्र के किसानों को लाखों रु का चूना लगा गया व्यापारी
लुकवासा पुलिस चौकी क्षेत्र के करीब 15 गांव के सैकड़ों किसानों द्वारा ॐ सांई ट्रेडर्स जालौन (उत्तरप्रदेश) के साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग की थी जिसमें कंपनी के मालिक राजेश कुमार उर्फ मुकेश पटेल उम्र 51 वर्ष निवासी ग्राम खर्रा तहसील व जिला जालौन उत्तरप्रदेश , सचिन जाट उम्र 27 वर्ष पुत्र लाम सिंह जाट निवासी ग्राम कपराना पोस्ट झिरी जिला शिवपुरी ने अपने एजेंट शैलेन्द्र उर्फ टीटू रघुवंशी निवासी अनंतपुर
तहसील कोलारस जिला शिबपुरी द्वारा सैकड़ो किसानों को झांसा देकर 1 क्विंटल बीज के बदले 2 क्विंटल लेने का सौदा तय किया तथा किसान की उपज को 5000 रु प्रति क्विंटल के मान से व्यापारी द्वारा किसान को उपज के बदले भुगतान करने का कांट्रेक्ट हुआ था , लेकिन जैसे ही बाजार में मटर की कीमत में गिरावट आई, व्यापारी तथा एजेंट द्वारा किसानों की उपज नही खरीदी गई ,परेशान किसान लगातार संपर्क करते रहे , मगर एजेंट तथा व्यापारी बहाना बनाते रहे , आखिरकार किसानों के सब्र का बांध टूटा गया तथा अपने को ठगा महसूस कर रहे किसानों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है , फिलहाल प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किसानों को कोई राहत नही दी है तथा न ही उक्त व्यापारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की है , मायूस किसान अब बड़े आंदोलन की तैयारी में है किसानों का कहना है कि दिल्ली शहर को बंद करने बाले आंदोलन की तर्ज पर ही बड़ा आंदोलन किया जाएगा



