
मंडी उड़नदस्ता टीम पर हमला: माफिया के आतंक का पर्दाफाश
संभागीय उड़नदस्ते मैं शामिल टीम ,बिना स्थानीय प्रशासन को साथ लिए कर रही थी चेकिंग
शिवपुरी, कोलारस। पूरनखेड़ी टोल प्लाजा पर मंडी उड़नदस्ता टीम पर हुए हमले ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। बिना वैध दस्तावेजों के अनाज का परिवहन करने वाले माफिया का दुस्साहस इस हद तक बढ़ गया है कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों पर ही हमला बोल दिया। इस घटना में टीम के एक निरीक्षक को बुरी तरह से घायल कर दिया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
घटना तब घटी जब उड़नदस्ता टीम ने मंडी क्षेत्र में औचक निरीक्षण के दौरान एक मूंगफली दाने से भरे कंटेनर को रोका। ड्राइवर के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे, जिसके चलते टीम ने कंटेनर को कोलारस मंडी प्रांगण ले जाने का निर्णय लिया। इसी दौरान ड्राइवर ने कहा कि उसके मालिक, दीपू तोमर, थोड़ी ही देर में पहुंच रहे हैं और टीम को इंतजार करने के लिए कहा।
जैसे ही दीपू तोमर और उसके साथी एक थार गाड़ी से उतरे, उन्होंने अचानक उड़नदस्ता टीम पर हमला कर दिया। तीन सदस्यीय टीम ने खुद को बचाने का प्रयास किया, लेकिन बदमाशों ने निरीक्षक विकास शर्मा को ठाकुर बाबा ढाबे के सामने घेर लिया और उन पर जमकर हमला किया। मौके पर पहुंचे लुकवासा पुलिस ने घायल निरीक्षक को तुरंत अस्पताल पहुंचाया और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
इस घटना ने इलाके में सरकारी अधिकारियों के प्रति माफिया के बढ़ते आतंक को उजागर कर दिया है। इस हमले के पीछे का कारण कुछ घंटे पहले ही पड़ोरा में मंडी उड़नदस्ता टीम द्वारा एक गेहूं से भरे ट्रक का चालान काटा जाना बताया जा रहा है, जिसमें आरोपियों ने अपने रसूख का उपयोग कर कार्रवाई को रुकवाने का प्रयास किया था, लेकिन टीम ने किसी भी दबाव को नजरअंदाज कर तीन गुना पेनल्टी लगाकर चालान काट दिया था।
मंडी बोर्ड के ज्वाइंट डायरेक्टर आरपी चक्रवर्ती ने बताया कि इस घटना की जानकारी सभी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है और मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद से मंडी उड़नदस्ता टीम की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
पूरा मामला सीसीटीवी कैमरों में कैद हो चुका है, जिसमें बदमाशों की बर्बरता साफ दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो ने आम जनता में आक्रोश पैदा कर दिया है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
आखिर कब तक सरकारी अधिकारी माफिया के आतंक का शिकार होते रहेंगे? क्या सरकार इन दबंगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा? ऐसे कई सवाल हैं जो इस घटना के बाद खड़े हो गए हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई कर इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए, ताकि सरकारी अधिकारी बिना किसी भय के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।


