
लुकवासा मंडी में गणेश ट्रेडर्स का बड़ा घोटाला: घटिया मक्का बेचने और टैक्स चोरी का पर्दाफाश
वर्षो से लुकवासा मंडी मैं करोड़ों की टैक्स चोरी कर रातों रात फैला कारोबार
भोपाल – मध्यप्रदेश के कोलारस विधानसभा क्षेत्र में इस साल की मक्का की बंपर पैदावार ने व्यापारिक गतिविधियों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। देश भर के व्यापारी यहां किसानों की उपज खरीदने के लिए जुटे हैं, जिससे मंडी में रौनक बढ़ गई है। लेकिन इस रौनक के बीच एक गंभीर मामला उजागर हुआ है – गणेश ट्रेडर्स नाम की फर्म पर घटिया मक्का बेचने, नकली बिल तैयार करने और सरकार को टैक्स में करोड़ों का चूना लगाने का आरोप है।
घटना का विवरण:
लुकवासा मंडी में गणेश ट्रेडर्स ने बड़ी चालाकी से 1500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सड़ी और घटिया मक्का खरीदी और उसे 2200 रुपये प्रति क्विंटल में आभा ट्रेडर्स, कलकत्ता को बेचने का खेल खेला। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रक्रिया में उन्होंने फर्जी बिल का सहारा लिया और आभा ट्रेडर्स को मक्के की गुणवत्ता के नाम पर धोखा दिया। ऐसे सस्ते और घटिया मक्का का कोई अन्य खरीदार न मिलने से मंडी परिसर में हजारों क्विंटल मक्का सड़ रहा है। मंडी प्रबंधन के बार-बार सूचना देने के बावजूद गणेश ट्रेडर्स ने इस मक्का को नहीं उठाया, जिससे मंडी की छवि पर गहरा असर पड़ा है।
धोखाधड़ी का तरीका:
गणेश ट्रेडर्स ने इस घोटाले को अंजाम देने के लिए फर्जी बिल और टैक्स चोरी का सहारा लिया। सबसे पहले, उन्होंने मंडी में सस्ते में मक्का खरीदा और फिर इसे महंगे दामों पर बेचने के लिए नकली बिल तैयार किए। इस प्रकार उन्होंने मक्के की गुणवत्ता के बारे में झूठी जानकारी देकर आभा ट्रेडर्स को भ्रमित किया। टैक्स रेकॉर्ड्स की जांच करने पर यह साफ होगा कि गणेश ट्रेडर्स ने इस घोटाले के जरिए सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुँचाया है।
मंडी की छवि पर असर:
इस घोटाले का असर लुकवासा मंडी की ईमानदारी और पारदर्शिता पर पड़ा है। स्थानीय किसान और व्यापारी, जो मंडी की स्वच्छ छवि के लिए प्रयासरत हैं, इस घटना से नाखुश हैं। यह धोखाधड़ी न केवल मंडी की प्रतिष्ठा को गिरा रही है, बल्कि ईमानदारी से काम करने वाले व्यापारियों के व्यवसाय को भी प्रभावित कर रही है। किसानों का भरोसा मंडी प्रबंधन पर बना रहे, इसके लिए आवश्यक है कि इस मामले की गहनता से जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
वित्तीय हानि और टैक्स चोरी का संगीन मामला:
गणेश ट्रेडर्स का यह घोटाला न केवल आभा ट्रेडर्स के लिए वित्तीय हानि का कारण बना है बल्कि सरकार को भी टैक्स में बड़ा नुकसान हुआ है। अगर मंडी के टैक्स रिकॉर्ड्स की बारीकी से जाँच की जाए तो यह सामने आ सकता है कि गणेश ट्रेडर्स ने कई वर्षों से टैक्स चोरी कर रही है, और इस बार के मामले ने उनकी गतिविधियों को बेनकाब कर दिया है।
निष्कर्ष और सुझाव:
यह स्पष्ट है कि गणेश ट्रेडर्स का यह घोटाला सरकार और मंडी प्रबंधन के लिए एक चेतावनी है। इस घटना से यह सीखने की जरूरत है कि मंडी में पारदर्शिता और टैक्स की सख्ती सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी व्यापारी को ऐसा घोटाला करने का मौका न मिले। मंडी प्रबंधन को चाहिए कि इस मामले की गंभीरता से जांच कर उचित कदम उठाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई कर मंडी की प्रतिष्ठा बहाल करें।
सुझाव:
1. जांच समिति गठित हो: मंडी प्रबंधन इस मामले की गहराई से जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित करे।
2. टैक्स रिकॉर्ड की छानबीन: पिछले वर्षों के टैक्स रिकॉर्ड्स की जांच कर गणेश ट्रेडर्स द्वारा की गई टैक्स चोरी का हिसाब लगाया जाए।
3. फर्जी बिलों पर नियंत्रण: मंडी में फर्जी बिलिंग को रोकने के लिए डिजिटल रिकॉर्ड्स और ऑडिटिंग की व्यवस्था की जाए।
गणेश ट्रेडर्स द्वारा किया गया यह घोटाला न केवल एक आर्थिक अपराध है बल्कि मंडी की छवि के साथ विश्वासघात भी है। सरकार और मंडी प्रबंधन को चाहिए कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर किसानों और व्यापारियों का भरोसा कायम रखें।


