
लगातार छुट्टियां ले रहे डॉ नरेंद्र दांगी पर cmhoऑफीस मेहरबान क्यों ??
डेंगू और मौसमी बीमारियों के बीच झोलाछाप डाक्टर्स के भरोसे क्षेत्र के मरीज
लुकवासा -कोलारस विधायक वीरेंद्र सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की है जिसमें कोलारस ,बदरवास स्वाथ्य केंद्रों पर चिकिस्तको की मांग अनुसार आपूर्ति का जिक्र है , उस आदेश अनुसार लुकवासा अस्पताल में 30 सितंबर तक डॉ अभिषेक राजपूत की नियुक्ति की गई है , मगर सबाल ये है कि लुकवासा में तीन चिकिस्तक है फिर भी चौथे की जरूरत क्यों पड़ी ,
प्राप्त जानकारी के अनुसार लुकवासा अस्पताल में तीन चिकिस्तक पदस्थ है जिसमें प्रमुख है नरेंद्र दांगी , तपिश शिवहरे जबकि पोहरी अस्पताल पदस्थ गोपाल दंडौतिया जो कि आयुर्वेद चिकिस्तक हैं सिफारिश के चलते यहाँ अटैच है जबकि तपिस शिवहरे लुकवासा अस्पताल में मूल पदस्थापना होते हुए भी कोलारस अस्पताल में अटेचमेंट लिए है , अब सिर्फ एक ही बचते है वह हैं नरेंद्र दांगी जी , जिनके बारे बताया जाता है कि उनके भाई cmho ऑफिस मैं बैठे हुए हैं जिनके दम पर आप ट्रक भर कर छुट्टियां लेते रहते हैं और कोई इनपर कार्यवाही करे तो पहले ही सूचना मिल जाती है साहब की ,मानो ये जनाब चिकिस्तक नही बल्कि जेम्स बांड हों
सांसद के पी सिंह भी लापरवाह चिकिस्तक पर कार्यवाही को लिख चुके हैं पत्र

ग्रामीण बताते हैं कि डॉक्टर साहब के दर्शन हो जाये तो बडी किस्मत मानो , तभी तो इनकी कार्यशैली से तंग आकर क्षेत्रीय सांसद के पी सिंह से शिकायत की थी मगर नतीजा अभी तक शून्य रहा है क्यों कि
स्थानीय नागरिक होने के चलते क्षेत्रीय राजनीति का लाभ उठाकर मरीजों को भटकने पर मजबूर कर रहे चिकिस्तक
झोलाछाप डॉक्टर्स के भरोसे क्षेत्रीय मरीज
लुकवासा में करीब 30 झोलाछाप अपनी दुकान सजाएं बैठे हैं जो मरीजों को जरूरत के मुताबिक नही बल्कि दवा कंपनी द्वारा दिये गए गिफ्ट के बजन अनुसार दवाइयां लिखते हैं ,मतलब अगर दवा कंपनी ने बड़ा ऑफर झोलाछापों की दे दिया तो ये मरीज को घोड़े का इंजेक्शन भी लगा दे तो आश्चर्य नही होगा , ऐसे चिकिस्तकों के भरोसे क्षेत्रीय मरीजों को छोड़कर घर आराम फरमा रहे हैं डॉ साहब क्यों कि मरीजों को ठीक करना भले ही नही आता हो लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की जेब सीजन के हिसाब से गरम करते हैं झोलाछाप



