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साबधान लुकवासा – आपके घर में जहरीला दूध पहुंच रहा है

मिलाबट के जहर से बच्चों की सेहत पर हो रहे हानिकारक प्रभाव

कान्हा परिहार

लुकवासा– आज दौर में हर घर की जरूरत है दूध ,बाजारों की रौनक भी दूध से ही है लगभग 70% सामग्री दूध की आपूर्ति पर निर्भर होती है मगर आपने कभी सोचा है कि जब लॉक डाउन में सभी होटल , ढाबा , मिष्ठान भंडार , बंद थे तब सभी प्रतिष्ठानों पर पहुंचने बाला दूध कहाँ जाता था , कहीं आपको सड़को पर गलियों में फैलते हुए मिला , इसका जबाब आप नही में देंगे ,क्यों कि आंकड़े बताते हैं कि भारत में कुल खपत का 60% दूध ही उत्पादन होता है , फिर बाकी दूध आता कहाँ से हैं इसकी बानगी आपको लुकवासा के डेयरी व्यापार में दिखाने की कोशिश करते हैं तो ये पाते हैं कि दूध की आपूर्ति का 90% आसपास के ग्रामों पर निर्भर है , जो कि स्थानीय डेयरी केंद्रों के माध्यम से गांव को दूध पहुंचाते हैं , मगर बढ़ती महंगाई और मांग ने शुद्धता के पैमाने बदल दिए हैं , अब दूध के साथ साथ मिलावटी जहर भी आपके बच्चों को परोसा जा रहा है ,
बाजार में ईजी पाउच , शेम्पू पाउच, गायब
सूत्र बताते हैं कि लुकवासा के बाजार में आप पाएंगे कि ऊनि कपड़े धोने की ईजी पाउच तथा शेम्पू की पाउच ज्यादातर गायब रहती हैं , क्यों कि ऐसा माना जाता है कि ये सभी सामान दूध को गाढ़ा करने में सहायक होते हैं , तथा आसानी से उपलब्ध भी रहते हैं इसलिए मिलाबटखोर दूध की मात्रा को दो गुना करने में इसका इस्तेमाल बहुतायत में करते हैं जबकि बच्चों की सेहत पर इसका विपरीत असर होता है तथा एक तरह से जहर है जो नबजात बच्चों के अंदर कई प्रकार की बीमारियों का घर बना रही है तथा माता पिता अपने नौनिहालों की मानसिक प्रगति से परेशान हो कर देवी देवताओं के स्थानों पर चक्कर लगाते देखें जाते हैं

Kanha parihar

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