
डॉक्टर गोविंद गोयल- ने नही किया चिकित्सकीय धर्म का पालन
मामला लुकवासा मैं सेवानिवृत्त शिक्षक की मौत का ,परिजन पहुंचे झोलाछाप के खिलाफ पहुंचे पुलिस चौकी
लुकवासा– ग्राम लुकवासा मैं करीब दस हजार की आबादी है, तथा एक शासकीय अस्पताल भी ,लेकिन कोई भी चिकित्सक अपने पदस्थ स्थान पर रात रुकने को तैयार नहीं है,जबकि अनेकों मामले में मरीज आपातकालीन सेवा के अभाव में दम तोड देते हैं ,ताजा मामला उस समय प्रकाश में आया जब 3अगस्त की रात करीब 2 बजे एक सेवा निवृत शिक्षक ब्रजमोहन शर्मा की अचानक तबियत बिगड़ जाने के बाद आनन फानन में स्थानीय चिकित्सकों की जरूरत आन पड़ी ,मरीज की हालत इतनी तेजी से बिगड़ी कि तत्काल उपचार के लिए उस स्थानीय स्तर पर पेट दर्द एवम सर दर्द की दवा देने वाले झोलाछाप चिकित्सक ही भागवान नजर आए ,लेकिन लुकवासा मैं स्थित डॉ गोविंद गोयल की निजी क्लीनिक में देर रात करीब डेढ़ बजे फरियादी प्रद्युम्न शर्मा अपने बड़े भाई ब्रजमोहन शर्मा को लेकर पहुंचे तो चिकित्सक ने दरवाजा नही खोला, लगातार फोन मिलाया तो चिकित्सक ने फोन ही बंद कर लिया, इसी दौरान रात्रि में गस्त कर रही पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए लगातार आवाज लगाई , फिर भी डॉ गोविंद गोयल का दरवाजा नही खुला , नतीजन मरीज ब्रजमोहन शर्मा की उसी रात मौत हो गई, जबकि कई वर्षो से दिन मैं यही चिकित्सक के यहां मरीजों की भीड़ लगी रहती है ,क्षेत्र के अनेक मरीज भर्ती होकर इलाज कराते देखे जा सकते हैं, अगर सीधे शब्दों में कहें कि बिना परमिशन के अस्पताल चलाते हैं ये झोलाछाप चिकित्सक, फरियादी प्रद्युम्न शर्मा ने 8अगस्त को पुलिस को दिए आवेदन मैं डॉ गोविंद गोयल पर गंभीर आरोप लगाते हुए मांग की है कि प्रशासन को चाहिए की मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करते हुए तत्काल ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए अस्पताल बंद करवाए



